श्रुतधन की ज्योति से आलोकित एक अनुपम आध्यात्मिक पर्व
“ऊर्जा 500” पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजय रत्नसुंदरसूरीश्वरजी महाराजा द्वारा रचित 500वीं पुस्तक के लोकार्पण का एक अलौकिक उत्सव है। यह महोत्सव आत्मा की ऊर्जा, ज्ञान और भक्ति का संगम है — जहां श्रद्धा, साधना और सेवा का समन्वय है।
▪️ प्रातः 9:00 बजे – ऊर्जा 500 का शुभारंभ एवं प्रवचन।
▪️ सायं – “Legacy of Jainism” – जैन धर्म के अज्ञात तथ्यों पर आधारित विशेष प्रस्तुति।
▪️ स्थल – ध्यान सभागृह, ऊर्जा मैदान।
गुरुदेव की कृपा से आत्मा में दिव्य भाव जागृत करने का दिन।
▪️ प्रातः 9:00 बजे – “ज़ाड़ो मेकिंग प्रतियोगिता” व युवाशिविर।
▪️ दोपहर 2:30 बजे – “Faith in Action” – श्रावक-श्राविका की सृजनात्मक प्रस्तुतियाँ।
▪️ रात्रि 8:00 बजे – “ध्वनि की धारा” संगीत संध्या।
श्रद्धा को कर्म में रूपांतरित करने का दिवस।
▪️ प्रातः 9:00 बजे – Alert Family Shivir (संपूर्ण परिवार हेतु शिविर)।
▪️ गुरुदेव के साथ विशेष पॉडकास्ट।
▪️ रात्रि 8:00 बजे – “अमृतधारा” आध्यात्मिक संगीत संध्या।
मन की शांति और अंतर्यात्रा की ओर बढ़ने का अवसर।
▪️ प्रातः 9:00 बजे – ध्यान व प्रवचन सत्र।
▪️ आकर्षण – 108 दीप प्रज्वलन, सामूहिक जप।
▪️ संदेश – “शुद्ध विचार ही शुद्ध जीवन का आधार हैं।”
अंतरात्मा को स्वच्छ करने का दिवस।
▪️ प्रातः 9:00 बजे – ऊर्जा 500 मुख्य समारोह।
▪️ सैकड़ों साधु-साध्वियों की पावन निश्रा में।
▪️ हजारों श्रद्धालुओं की भव्य उपस्थिति।
गुरुदेव के सान्निध्य में प्रेम, भक्ति और एकता का साक्षात्कार।
▪️ प्रातः 9:00 बजे – विशेष सत्र: “सेवा में ही सुख”।
▪️ समापन प्रार्थना और आशीर्वाद समारोह।
सच्चा सुख सेवा और समर्पण में है।
⚠️ पंजीकरण अनिवार्य है।
बिना पंजीकरण प्रवेश नहीं।
इतिहास रचने वाले इस आध्यात्मिक पर्व का हिस्सा बनें।
पलक शाह – 98252 33715
कौशिक संघवी – 93201 68606
राजेंद्र शाह – 99308 16220
प्रितेश शाह – 97736 06355